स्वच्छता से संपन्नता’ मंत्र को मजबूत करता ‘स्वच्छ भारत संकल्प’- सुरेश पचौरी/राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने ‘स्वच्छ भारत’ का सपना देखा था और इस सपने को पूरा करने का काम किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है। उनके इस आह्वान के पीछे अधिकांश देशवासियों ने खड़े हो कर एक सशक्त नेतृत्व के प्रति आस्था ही प्रकट की है। भारत स्वच्छ हो इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में गांधी जयंती 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को आरंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य अगले पांच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना था। स्वच्छ भारत अभियान के लिए सफाई के लिए प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान का लक्ष्य रखा जो बीते दस वर्षों में सफल अभियान बन गया।

दस वर्ष बाद 2 अक्टूबर 2024 को जब हमने पीछे पलट कर देखा तो पाया कि ‘स्वच्छ भारत’ संकल्प एक ‘जन-आंदोलन’ बन चुका है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी जी का यह कहना महत्वपूर्ण है, “विकसित भारत की यात्रा में हमारा हर प्रयास ‘स्वच्छता से संपन्नता’ के मंत्र को मजबूत करेगा। स्वच्छ भारत मिशन की ये यात्रा करोड़ों भारतवासियों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
आज हम कह सकते हैं कि अपने तरह की कई विशिष्ट पहल के बीच ‘स्वच्छ भारत अभियान’ मोदी सरकार द्वारा चलाया गया सबसे अहम् स्वच्छता अभियान है। बीते 10 साल में भारतीयों ने इस मिशन को अपनाया, अपना लक्ष्य बनाया तथा सफाई की प्रवृत्ति को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है। यह तथ्य उत्साह से भरता है कि भारतीय जनता पार्टी ने पीएम मोदी जी के जन्मदिन (17 सितंबर) से गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक “सेवा पखवाड़ा” आयोजित किया। इस अवधि में नगर, गांव, गली, मोहल्लों, मजरों, चौपालों समेत सार्वजनिक स्थानों पर सेवा कार्य किए गए। ‘सेवा पखवाड़ा’ के 15 दिनों में देशभर में लगभग 27 लाख से ज्यादा कार्यक्रम हुए जिनमें लगभग 28 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
स्वच्छ भारत मिशन के असर को आंकड़ों के आईने में देख लेना चाहिए। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के संयुक्त अध्ययन ने बताया है कि स्वच्छ भारत मिशन से हर वर्ष 60 से 70 हजार बच्चों का जीवन बच रहा है।स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बनाए जाने से उनके पढ़ाई छोड़ देने की दर में भी गिरावट आई है। बच्चों के लिए कार्य कर रहे अंतरराष्ट्रीय संगठन यूनिसेफ की एक और स्टडी के मुताबिक स्वच्छता के कारण गांव के परिवार के हर साल इलाज पर होने वाले खर्च में से औसतन 50 हजार रुपए बच रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को जन आंदोलन बनाने में मध्य प्रदेश की भी अपनी महती भूमिका है। जनता और सरकार के सकारात्मक प्रयासों का परिणाम है कि व्यक्तिगत शौचालय, सार्वजनिक शौचालय सुविधा, अपशिष्ट प्रबंधन आदि आयामों में स्वच्छता आंदोलन को नई गति मिली है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में मध्यप्रदेश ने वर्ष 2023 में श्रेष्ठ राज्य के रूप में देशभर में दूसरे स्थान की रैकिंग प्राप्त की है। इस वर्ष राज्य के 6 शहरों ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये हैं। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर पिछले 7 वर्षों से पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ शहर के रूप में पहला पुरस्कार प्राप्त कर रहा है। शहर को स्वच्छ रखने में नागरिकों का बोध प्रशासनिक दात्यिव से आगे है। कार्बन क्रेडिट से राशि अर्जित करने वाला इंदौर देश का पहला शहर है।
प्रधानमंत्री के इस स्वप्न को पूरा करने में मध्य प्रदेश भाजपा और इसके देवतुल्य कार्यकर्ताओं का अतुलनीय योगदान रहा है। प्रदेश भाजपा ने भी अपने यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्मदिन का उल्लास से बड़े स्तर पर मनाने के लिए उनके जन्मदिन 17 सितंबर से “सेवा पखवाड़े” की शुरुआत की। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त जी शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन जी यादव तथा संगठन महामंत्री हितानंद जी के नेतृत्व में सेवा पखवाड़े के तहत पीएम मोदी जी के जन्मदिन पर प्रदेश में रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। स्कूलों और अस्पतालों में स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। पीएम मोदी जी के व्यक्तित्व और उपलब्धियों पर 15 दिनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक पौधरोपण अभियान चलाया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इन सभी अभियानों में बढ़-चढ़ कर भागीदारी की और अपने प्रेरक नेता प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रति अपनी अगाध आस्था का प्रदर्शन किया।
एक तरफ सेवा पखवाड़ा और दूसरी तरफ संगठन पर्व, भाजपा ने सेवा से संगठन निर्माण का अद्भुत कौशल विकसित किया है। मध्यप्रदेश में भाजपा ने संगठन पर्व के पहले चरण में अपना लक्ष्य लगभग 70 प्रतिशत पूरा कर लिया है। अब तक मध्यप्रदेश में एक करोड़ 16 लाख से अधिक सदस्य बन चुके हैं। इतने कम समय में 1 करोड से अधिक सदस्य बनाना प्रदेश के कार्यकर्ताओं की कर्मठता और संगठन निष्ठा और जनता में भाजपा की स्वीकार्यता को दर्शाता है। संगठन पर्व का द्वितीय चरण 15 अक्टूबर तक आयोजित होगा और विश्वास है कि डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने के लक्ष्य से आगे निकलकर इतिहास म प्र में बनेगा।इस अभियान में चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, सामाजिक संगठनों, व्यापरिक संगठनों के साथ बुद्धिजीवियों, वरिष्ठ एवं विशिष्ट व्यक्तियों एवं खिलाड़ियों सहित समाज में महत्वपूर्ण भूमिका रखने वाले लोगों को प्राथमिकता से भाजपा का सदस्य बनाया जाएगा।
यह पार्टी की लोकप्रियता का ही परिणाम है कि मात्र 24 दिनों मे ही 1 करोड़ 81 हजार 437 सदस्य बनाकर इतिहास रचा गया। लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। तथ्य है कि संगठन पर्व के दौरान 95 लाख ऑनलाइन फॉर्म भरे गए। अभी भी सदस्यता का अभियान जारी है और भाजपा के परिवार में सदस्यों के जुड़ने का सिलसिला चलता रहेगा।
‘सेवा पखवाड़ा’ और ‘संगठन पर्व’ में जनता की भागीदारी ने दिखला दिया है कि भाजपा की स्वीकार्यता कितनी गहरी है। पार्टी की इस स्वीकार्यता के नैपथ्य में यशस्वी व तेजस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रति जन आस्था और जन समर्थन प्रमुख आधार है। देश में जब मोदी जी जैसा सशक्त, स्पष्ट और सुदृढ़ नेतृत्व मिला तो जनता ने उसके प्रति भरपूर समर्थन, निष्ठा और सहयोग दिखाया है। भाजपा का विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरना महज संयोग नहीं है। इसके पीछे पीएम मोदी जी का चमत्कारी नेतृत्व एवं भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा है। ऐसा नेतृत्व जिस पर पूरे देश की अधिकांश जनता ने भरोसा किया है। महात्मा गांधी के स्वच्छता संदेश और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत पर खड़ी भाजपा पार्टी को प्रधानमंत्री मोदी जी जैसा दूरदर्शी और अभूतपूर्व नेतृत्व मिला है। मोदी जी के सानिध्य में पूरी भाजपा और पूरा देश सक्षम, समर्थ और सुदृढ़ हो कर विश्व गुरु के सिंहासन पर आरूढ़ हो गया है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ को ध्येय वाक्य मानकर भारत को विकास का विजन देने का संकल्प लिया है।
(लेखक भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं।)
