नारी शक्ति
धनलक्ष्मी की अवैध वसूली का सिलसिला जारी ग्रामीण महंगी रेत खरीदने पर मजबूर, साली चौका नगर व आसपास, पत्रकार अवधेश चौकसे की खास खबर, नरसिंहपुर प्रदेश स्टेट माइनिंग कारपोरेशन से नरसिंहपुर में संचालित रेत 36 खदानो की सूची है इसमें भी कुछ खदान वैद्य रूप से चालू नहीं है जोकि धनलक्ष्मी को आवंटित हुई है प्रशासन से अभी इन खदानों पर भी रोक लग गई है लेकिन धनलक्ष्मी पूरे जिले में अवैध उत्खनन मचाए हुए हैं जिससे ग्रामीणों को पीएम आवास में जो नाम आए हैं उनको भी 3,4 से 5हजार में एक ट्राली रेत प्राप्त हो रही है. यदि धनलक्ष्मी किसी और नदियों से अवैध वसूली करती है तो आम नागरिकों ने क्षेत्र के ग्रामीणों से विनम्र अनुरोध किया है कि तत्काल एफ आई आर दर्ज कराएं और अवैध उत्खनन रोकने में सहयोग करें, जिन नदियों की खदानें आवंटित हुई ही नहीं उन पर वसूली कैसे? जिले में बाकी जहां से भी रेत उठाई जा रही है वह अवैध उत्खनन कहलाता है, इसलिए संपूर्ण जिले वासियों से निवेदन है यह जो लिस्ट जारी है यदि इन नदियों के अलावा कहीं और से रेत उठाई जा रही है तो उसका विरोध होना चाहिये और थाने में संबंधित राशि वसूलने वाले के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराना चाहिए नरसिंहपुर में अवैध खनन से करोड़ों का नुकसान, बंदूकों के दम पर माफिया मालामाल हो रहैं हैं
भले ही लोकतंत्र है. लेकिन यहां पर माफिया'तंत्र' ज्यादा सक्रिय दिख रहा है, जो खुलेआम नदियों का सीना छलनी किये जा रहा है और सरकार दावे पर दावे किये जा रही है कि किसी भी कीमत पर माफिया को बख्शा नहीं जाएगा, पर सच तो ये है कि खनन माफियाओं को शासन-प्रशासन का जरा भी खौफ नहीं है, यही वजह है कि वो धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहे हैं, और जो अधिकारी-कर्मचारी इस काम को रोकने की हिम्मत दिखाते हैं, उनकी हिम्मत को माफिया बंदूक की नली में भरकर उड़ा देते हैं, जिसके चलते सरकार को हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. इस मुद्दे पर भी सियासत अपना नफा-नुकसान देखकर ही चुप्पी तोड़ती है या चुप्पी साधती है.
साल 2018 के अंत में मध्यप्रदेश में सरकार बदली, तब रेत नीति बदली, फिर अनैतिक रुप से सरकार बदली गई, फिर रेत नीति में आमूल-चूल परिवर्तन किया गया, लेकिन 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले जो लोग अवैध खनन पर खूब शोर-शराबा करते थे, वो सरकार बदलते ही बो भी खामोश हो गए और जो अवैध खनन पर खामोश थे, वो शोर-शराबा करने लगे, पर वक्त ने पासा पलटा और फिर सरकार बदल गई, इसके बाद अचानक अवैध खनन पर फिर खामोशी टूटी और सत्ता जाते ही कांग्रेस अवैध खनन के मुद्दे पर मुखर हो गई. यानि सरकार किसी की भी रहे, पर अवैध खनन जारी रहेगा!
सालीचौका क्षैत्र में भी अवैध उत्खनन बैखौफ जारी हैं। और जबाबदेही अधिकारी जननेता ,जनप्रतिनिधि चुप हैं।
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