राष्ट्रीय पर्व सच को जाने
“राष्ट्रीय पर्व”
स्वराज प्राप्ति के 75 वें वर्ष में प्रवेश करता अपना भारत।सरकारी स्तर पर यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
होली , दीपावली, रक्षाबंधन, जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ इत्यादि त्यौहारों- अवसरों के साथ हमारा पारिवारिक , सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव हैं। ये पारिवारिक, सांस्कृतिक , धार्मिक सम्बन्ध और अधिक प्रगाढ़ करते हैं। यह विभिन्न परम्परागत पर्व और त्योहार में समाज को जड़ो से जोड़े रखते है, नई पीढ़ी तक परम्परा को पहुंचाते है। इनका अपना महत्व है। इनके साथ ही राष्ट्रीय पर्वो के आयोजन में भी जन सहभागिता बढ़ता है। लोगों को नागरिक जिम्मेदारी का दायित्व बोध करवाने में और राष्ट्रीय चरित्र का विकास करने में इन उत्सवों अत्यंत महत्व है।
राष्ट्रीय पर्व से देश मे राष्ट्रप्रेम का भाव और संस्कार बहुत गहरे होते है ।
आजादी के बाद बनी सभी शिक्षानीतियों में , शिक्षा में जीवन मूल्यों की बात की गई, शिक्षा में राष्ट्रप्रेम के संस्कारों की और शिक्षा के केंद्रों में इन पर्वों के माध्यम से इस दिशा में लगातार प्रयास भी किया जाता है किंतु जैसे बालक अपना विद्यार्थी जीवन पूरा करके एक व्यक्ति के रूप में सामाजिक जीवन में इन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों का स्थान है। यह अत्यंत गोरव की बात है।
इस वर्ष हमारा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ, अमृत महोत्सव मना रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने स्तर पर आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को लेकर विभिन्न आयोजन कर रही है।
ये केवल सरकारी समारोह नहीं , जन महोत्सव बना।
तिरंगा फहराने की आमजन को मिली छूट के बाद अब धीरे-धीरे यह राष्ट्रीय पर्व जनता के उत्सव में बदलते जा रहे हैं। इन उत्सवों के लोक उत्सव में बदलने की गति आइ है।
राष्ट्रीय महत्व के यह आयोजन देशभक्ति का संस्कार देने के अच्छे माध्यम हैं और देशभक्ति केवल बच्चों -बड़ों में भी है। अतः समाज में व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन होता है ।
राष्ट्रीय चरित्र का विकास अनेक समस्याओं का समाधान करेगा।कहते हैं राष्ट्रभक्ति सभी सद्गुणों की जननी है राष्ट्रप्रेम का भाव रहेगा तो भ्रष्टाचार भी रुकेगा, कालाबाजारी भी रुकेगी ,जातिवाद भी रुकेगा बेईमानी भी रुकेगी, मिलावट खोरी भी रुकेगी।
पिछले 5-6 वर्षों से इस दिशा में अपने कुछ पुराने विद्यार्थियों के साथ एक प्रयोग शुरू किया है। मेरे बहुत सारे पुराने विद्यार्थी देश के विभिन्न भागों में व्यवसायरत है। उनका एक ऑनलाइन माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है और सभी से आग्रह किया जाता है कि अपनी 15 अगस्त और 26 जनवरी को राष्ट्र ध्वज वंदन अवश्य करें।
कुछ सामान्य उपाय / प्रयोग हम सब अपने घर पर किए गए हैं। जैसे घर पर भारत माता का चित्र लाकर सपरिवार भारत माता पूजन कर सकते हैं।अपने दुकान/ फर्म/ कार्यालय पर भी राष्ट्र ध्वज वंदन- भारत माता पूजन के कार्यक्रम करे।
आसपास के दुकानदारों परिचितों को भी इस आयोजन में जुड़ने का आग्रह करें। सभी लोग राष्ट्र ध्वज को सलामी दे, प्रणाम करें, पुष्प अर्पित करें। इस अवसर पर सबके साथ कुछ मीठा भी हो जाए।अपने निकट के किसी स्थान पर राष्ट्रीय पर्व के कार्यक्रम में अवश्य सम्मिलित हो कार्यक्रम चाहे विद्यालय स्तर का हो या जिला स्तर का।
विश्व की प्राचीनतम सभ्यता भारत की बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आत्मीय बधाई।
🇮🇳 वन्देमातरम🇮🇳
-श्रीमति रश्मि राय
निर्देशक व संस्थापक
ॐ टीम
-वाइस प्रेसिडेंट
हरियाणा आइस एसो०
विंटर अलिम्पिक गेम्ज़