नारी शक्ति
NAARI SHAKTI
इस सम्मान का नाम भारतीय इतिहास की प्रख्यात महिलाओं की स्मृति में रखा गया है और निम्न श्रेणियों में दिया जाता है:[4][5]
- देवी अहिल्याबाई होल्कर सम्मान: १८वीं शताब्दी की मालवा शासिका के नाम पर।
- कण्णगी सम्मान: प्रसिद्ध तमिल स्त्री, कण्णगी के नाम पर।
- माता जीजाबाई सम्माण: वीर शिवाजी की माता. जिन्होंने १७वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी।
- रानी गाएदिनलिउ ज़ेलियांग सम्मान: २०वीं शताब्दी की नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री, रानी गाएदिनलिउ ज़ेलियांग के नाम पर।
- रानी लक्ष्मीबाई सम्मान: झांसी की प्रसिद्ध रानी एवं स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर।
- रानी रुद्रम्मा देवी सम्मान (पुरुष एवं स्त्रियों, दोनों के लिये): १३वीं शताब्दी की दक्षिन पठार की शसिका रुद्रम्मा देवी के नाम पर।
देवी अहिल्या सम्मान, मध्यप्रदेश शासन ने आदिवासी, लोक एवं पारम्परिक कलाओं के क्षेत्र में महिला कलाकारों की सृजनात्मकता को सम्मानित करने के लिए वर्ष 1996-97 से स्थापित किया है[1]।
देवी अहिल्याबाई कुशल शासिका, न्यायविद, सच्ची समाज सेविका और कलाप्रिय विदुषी थीं। वे स्नेह, दया और धर्म की प्रतिमूर्ति थीं। अहिल्याबाई महिला शक्ति की प्रतीक हैं। उनका जीवन और कार्य समस्त स्त्री जाति के लिए एक उदाहरण है। उनकी स्मृति में देश की सृजनशील महिलाओं के सम्पूर्ण अवदान के लिए देवी अहिल्या सम्मान दिया जाना सुनिश्चित किया गया है।