नरसिंहपुर

पंचायत चुनाव में मतदान कर्मी कम पड़े तो दूसरे जिलों से बुलाए जाएंगे मतदान कर्मी जाने सच

💥पंचायत चुनाव: मतदान कर्मी कम पड़े तो दूसरे जिलों से बुलवाएंगे संभागायुक्त, 60 साल वालों की ड्यूटी नहीं💥
भोपाल
पंचायत चुनाव कराने के लिए मतदान कराने वाले पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की जिलों में कमी होने पर संभागायुक्त इसका इंतजाम कराएंगे। इसके लिए कलेक्टरों की डिमांड पर दूसरे जिलों से मतदान दल बुलाए जाएंगे। इसके साथ ही साठ साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों व अधिकारियों को मतदान ड्यूटी से मुक्त रखा गया है। इस चुनाव में संविदा कर्मचारियों की सेवाएं ली जा सकेंगी।
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान दलों की ड्यूटी को लेकर कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा है कि मतदान दल उस विकासखंड में ड्यूटी नहीं करेंगे जहां वे पदस्थ हैं। सचिव बीएस जामोद द्वारा जारी निर्देश के अनुसार किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को उस विकासखंड में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी नियुक्त नहीं किया जा सकेगा जहां का वह मूल निवासी है। अगर मतदान दल में पुरुष पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं हैं तो मतदान अधिकारी क्रमांक 2 और 3 के लिए महिलाओं की ड्यूटी उसी विकासखंड में लगाई जा सकेगी जिस विकासखंड में पदस्थ हैं। इन महिला कर्मचारियों को रात में मतदान स्थल पर रुकने से राहत देते हुए आयोग ने कहा है कि इन्हें मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले मतदान केंद्र पहुंचने की छूट रहेगी। आयोग ने यह भी कहा है कि ज्यादा दिक्कत होने की दशा में बैंकों और अन्य केंद्रीय विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं भी मतदान कराने के लिए ली जा सकेंगी।
पीठासीन अधिकारी नहीं बनेंगे सहकारी संस्था और मंडी कर्मचारी

आयोग ने कहा है कि सहकारी संस्थाओं और मंडी समितियों के कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान दल में लगाई जा सकेगी लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया जा सकेगा। साठ साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों, अधिकारियों और दिव्यांग व निशक्तजनों को मतदान ड्यूटी में शामिल नहीं किया जाएगा। इनके साथ ही न्यायिक कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को भी मतदान ड्यूटी से राहत दी गईा है। आयोग ने यह निर्देश भी दिए हैं कि संविदा के रूप में तीन साल से काम कर रहे कर्मचारियों को मतदान दल में कर्मचारियों की संख्या कम होने पर ड्यूटी में तैनात किया जा सकेगा लेकिन ये कर्मचारी पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी क्रमांक एक नहीं बनाए जाएंगे। इन्हें मतदान अधिकारी क्रमांक दो या तीन बनाया जा सकता है।

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